Mahabharat ke Amar Patra : Abhimanyu
Titel

Mahabharat ke Amar Patra : Abhimanyu

Beschreibung
इस उपन्यास में अभिमन्यु के जीवन वृतांत का वर्णन किया गया है। अभिमन्यु महाभारत के नायक अर्जुन और सुभद्रा, जो बलराम व कृष्ण की बहन थी, के पुत्र थे। उन्हें चंद देवता का पुत्र भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि समस्त देवताओं ने अपने पुत्रों को अवतार के रूप में धरती पर भेजा था। लेकिन चंद्रदेव ने कहा कि वे अपने पुत्र का वियोग सहन नहीं कर पाएंगे इसलिए उनके पुत्र को मनुष्य के रूप में मात्र सोलह वर्ष की आयु दी जाए। अभिमन्यु एक असाधारण योद्धा थे। और कौरव पक्ष की व्यूहरचना जिसे चक्रव्यूह भी कहा जाता है, के 7 द्वारों में से 6 द्वार उन्होंने भेद दिए थे। और सबसे खास बात यह है कि अभिमन्यु ने अपनी माता की कोख में रहते हुए अपने पिता अर्जुन के मुख से चक्रव्यूह भेदन करना सीखा था। परंतु सुभद्रा के बीच में ही सो जाने के कारण वे चक्रव्यूह में प्रवेश करना तो जान गए थे परंतु उस व्यूह से बाहर आने की कला नहीं सुन पाए थे। अभिमन्यु की मृत्यु का कारण सिंधु नरेश जयद्रथ था, जिसने अभिमन्यु के साथ आए अन्य पांडवों को चक्रव्यूह में प्रवेश करने से रोक दिया और इसी का लाभ उठाकर कौरव पक्ष के सभी महारथी युद्ध के नियमों को तोड़कर उस बालक पर टूट पड़े और इस बालक ने वीरगति प्राप्त की। भारतीय चिंतनधारा के विकास में वेद, ब्रह्मसूत्र, उपनिषद् और गीता जैसे ग्रंथों से ही हमारा तात्पर्य होता है। परंपरा का अर्थ है "जो हमारे पवित्र-आर्यग्रंथों में लिखा है। अतः पूरी भारतीय परंपरा को जानने के लिए दर्शनों का अध्ययन आवश्यक हो जाता है। डॉ. विनय धर्म की मिमांषा संक्षेप में और सरल भाषा में करने के लिए विख्यात हैं। उन्होंने दो दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की है।
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Produktdetails
Autor:
Titel:
Mahabharat ke Amar Patra : Abhimanyu
gelesen von:
Fabely Genre:
Sprache:
HI
ISBN Audio:
0408100067501
Erscheinungsdatum:
29. September 2021
Laufzeit
4 Std 52 Min
Produktart
AUDIO
Explizit:
Nein
Hörspiel:
Nein
Ungekürzt:
Ja