Kavve Aur Kala Pani
Titel

Kavve Aur Kala Pani

Beschreibung
निर्मल वर्मा के भाव-बोध में एक खुलापन निश्चय ही है-न केवल 'रिश्तों की लहूलुहान पीड़ा' के प्रति, बल्कि मनुष्य के उस अनुभव और उस वृत्ति के प्रति भी, जो उसे 'जिन्दगी के मतलब की खोज' में प्रवृत्त करती है। उनके जीवन-बोध में दोनों स्थितियों और वृत्तियों के लिए गुंजाइश निकल आती है और यह 'रिश्तों की उस लहूलुहान पीड़ा' के एकाग्र अनुभव और आकलन का अनिवार्य प्रतिफलन है...तब इन कहानियों का अनिवार्य सम्बन्ध न केवल मानव-व्यक्तियों की मूलभूत आस्तित्विक वेदनाओं से हमें दिखाई देने लगता है, बल्कि हमारे अपने समाज और परिवेश के सत्य की- हमारे मध्यवर्गीय जीवनानुभव के दुरतिक्राम्य तथ्यों की भी गूँज उनमें सुनाई देने लगती है। बाँझ दुख की यह सत्ता, अकेली आकृतियों का यह जीवन-मरण हमें तब न विजातीय लगता है, न व्यक्तिवादी पलायन, न कलावादी जीवनद्रोह।
Auf öffentlichen Listen dieser Nutzer
Dieses Hörbuch ist noch auf keiner Liste.
Produktdetails
Titel:
Kavve Aur Kala Pani
gelesen von:
Fabely Genre:
Sprache:
HI
ISBN Audio:
9780430017069
Erscheinungsdatum:
20. August 2018
Laufzeit
7 Std 39 Min
Produktart
AUDIO
Explizit:
Nein
Hörspiel:
Nein
Ungekürzt:
Ja